Breaking
Mon. Jun 2nd, 2025

PM आवास योजना – नगर पालिका ने दिए न्यायालय में गोल गोल जवाब, दस्तावेज सहित किया तलब

शिवपुरी। शासन की शिवपुरी जिले में लोक कल्याणकारी योजना धरातल पर नहीं उतर रही है। सिंध जलावर्धन योजना की पूर्णता को लेकर शिवपुरी की जनता को जलक्रांति आंदोलन खडा करना पड़ा वही सालो से अपने आवासोे में जाने के लालायित परिवारों को अब न्यायालय का सहारा लेना पड़ा है अब न्यायालय की शरण में जाने के बाद हितग्राहियों को उम्मीद की किरण दिखी है।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के क्रम में बीते 16 दिसंबर को केंद्र सरकार की उपलब्धियों वाला विकसित भारत संकल्प यात्रा का रथ रवाना हुआ। इस रथ में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल प्रधानमंत्री आवास योजना का एक बैनर लगा है, जो शिवपुरी शहर के उन 1098 गरीब परिवारों को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा। इसकी वजह यह है कि उन्होंने किसी तरह से 20 हजार रुपए की राशि नगरपालिका में जमा कराई लेकिन 5 साल बाद भी उन्हें आशियाना नहीं मिला।
जबकि इस दौरान कई हितग्राहियों को बैंक से राशि फायनेंस करवा दी गई, तथा बैंकों ने अपनी किश्त लेना भी शुरू कर दिया। जबकि हितग्राहियों ने इस उम्मीद में बैंक से राशि फायनेंस करवा ली थी कि आशियाना मिलने के बाद जो मकान का किराया बचेगा, वो बैंक की किश्त के रूप में जमा होती रहेगी। ऐसा तो हुआ नहीं, लेकिन बैंकों की किश्त शुरू हो गई तो हितग्राहियों को दोहरी मार पडऩे लगी। यानि मकान का किराया भी देना पड़ रहा है और बैंक की किश्त भी जमा करनी पड़ रही है।
नपा के जिम्मेदारों ने यह दिए जवाब
लोकोपयोगी अदालत की जिला न्यायाधीश अर्चना सिंह ने जब पूछा कि हितग्राहियों को अभी तक आवास क्यों नहीं मिल सके?, यदि आवास देने की स्थिति में नहीं थे तो फिर उनसे आवास की राशि क्यों जमा करवाई?, बैंक की किस्त शुरू हो गईं, ऐसे में हितग्राहियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। इस पर नपा के जिम्मेदारों ने कहा कि आवास तो बनकर तैयार हो गए, लेकिन अभी वहां पर बिजली व पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है। न्यायालय ने पूछा कि ठेकेदार को कितना काम करके देना और आपको क्या सुविधाएं मुहैया करानी थीं? इस पर कोई जवाब नहीं दिया।
पानी-बिजली न होने की बात कहकर गोलमोल जवाब दिया अफसरों ने
नासिर अहमद ने वर्ष 2021 में दो लाख रुपए की राशि जमा कर दी, बावजूद इसके अभी तक उसे अपना आशियाना नहीं मिल सका। नासिर की तरह कई हितग्राही हैं, जिन्होंने आवास की राशि जमा कर दी, लेकिन आवास नहीं मिल सका। नगरपालिका के जिम्मेदार भी कोई जवाब नहीं दे रहे, जिसके चलते नासिर अहमद ने लोकोपयोगी अदालत में अपना मामला पेश किया। बीते 14 दिसंबर को जिला न्यायाधीश अर्चना सिंह ने नगरपालिका के अधिकारियों को तलब किया तो वो पानी व बिजली न होने की बात कहकर गोलमोल जवाब देने लगे।
पीएम आवास के सभी दस्तावेजों सहित किया तलब
जिला न्यायाधीश ने पीएम आवास से संबंधित सभी दस्तावेज व ठेकेदार को किए गए भुगतान एवं हितग्राहियों से जमा करवाई गई राशि के सभी कागजों सहित नपा के जिम्मेदारों को तलब किया है।
साथ ही न्यायालय यह भी जानना चाहती है कि पीएम आवास मिलने में देरी होने के पीछे गलती किसकी है। यही वजह है कि इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 दिसंबर लगाई है, जिसमें नपा में पीएम आवास शाखा के अधिकारी-कर्मचारी दस्तावेज लेकर पेश होंगे।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *