(दिल्ली के बादशाह द्वारा इस्लाम कबूल न किए जाने पर धड़ से अलग करवा दिया गया था शीश)
छतरपुर। नगर के महोबा रोड़ स्थित गुरुद्वारा में सिंह सभा द्वारा सिख धर्म के 9वें गुरू श्री गुरू तेग बहादुर को 17दिसम्बर सन 1975 में उन्हें दिल्ली के बादशाह ओरंगजेब द्वारा इस्लाम कबूल ने किए जाने पर उन्हें शहीद कर दिया गया था। दिल्ली के बादशाह ओरंगजेब का कहना था कि पूरे हिदुस्तान में हिन्दू धर्म नहीं रहने दूंगा और कश्मीर से उसके द्वारा सभी हिन्दुओं को इस्लाम धर्म कबूल करवाने के लिए जुल्म शुरू कर दिए जिसमें हिन्दू धर्म की बहु-बेटियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाकर अपने धर्म में निकाह भी करवाया था और जो लोग मना कर करते थे उन्हें मरवा देते थे।
गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार सरंजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 दिसम्बर के दिन सिख धर्म के 9वें गुरू श्री गरू तेग बहादुर को दिल्ली के बादशाह ओरंगजेब द्वारा इस्लाम कबूल करने के लिए कहा गया था लेकिन श्री गुरू तेग बहादुर ने इस्लाम कबूल करने से मना कर दिया। इसी कारण से दिल्ली के बादशाह ने श्री गुरू का दिल्ली के चादनी चौक पर शीश धड़ से अलग कर करवा दिया था। श्री सिंह बताया कि इसीलिए उनके द्वारा दिए गए इस बलिदान को शहीद दिवस के रूप में आज उन्हें याद कर गुरूद्वारे में आरदास, भजन कीर्तन के साथ प्रसाद भी वितरण किया जाता है।
गुरूद्वारे में मनाया गया सिख धर्म के 9वें गुरू श्री गुरू तेग बहादुर का शहीदी कार्यक्रम
